ROM एक non volatile मेमोरी होती है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल ‘ROM किया है ROM की सम्पूर्ण जानकारी इन हिंदी’ में बिलकुल बैसिक से डिटेल में ROM के बारे में जानेंगे इस आर्टिकल को पढने के बाद आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी तो चलिए ROM के बारे में विस्तार से जानते है |
ROM की full form किया है
ROM का full form ‘Read Only Memory’ होता है जो एक नॉन volatile मेमोरी है |
ROM किया है – What is ROM in hindi

ROM का पूरा नाम ‘Read Only Memory’ है जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है कि इस मेमोरी को हम केवल ‘Read’ कर सकते है ‘Write’ नहीं कर सकते |
इसमें पहले से ही फिक्स डाटा रहता है जो कंप्यूटर को on करने में मदद करता है जिसे हम बूटिंग कहते है इस मेमोरी को manufacturer द्वारा बनाते समय ही write किया जा सकता है |
और बाद में हम इसमें एडिशनल डाटा add नहीं कर सकते ये मेमोरी प्राइमरी मेमोरी का हिस्सा है जिसमे हम वीडियोस , फोटोज , ऑडियो , फाइल और applications को परमानेंटली स्टोर करते है |
ये एक नॉन volatile मेमोरी है जिसका मतलब ये है की इसमें डाटा तब भी बना रहता है जब हमारा कंप्यूटर off हो जाता है और हमारा डाटा RAM मेमोरी की तरह erase नहीं होता है इसमें परमानेंटली स्टोर रहता है |
ROM के प्रकार – Types of ROM in hindi
- MROM
- PROM
- EPROM
- EEPROM
MROM किया है – What is MROM in hindi
MROM का full form ‘Masked Read Only Memory’ होता है इसमें स्टोर डाटा को ना तो बदला जा सकता है और ना ही डिलीट किया जा सकता है |
इसमें पहले से ही pre programmed डाटा और instructions को स्टोर किया जाता था ये मेमोरी ROM के पुराने परकारो में से एक है जिसका इस्तेमाल पुराने computers में किया जाता था |
आज के समय में इसका इस्तेमाल नहीं होता है और ये मेमोरी काफी महंगी हुआ करती थी |
PROM किया है – What is PROM in hindi
PROM का full form ‘Programmable Read Only Memory’ होता है इसमें हम डाटा को केवल एक बार अपडेट कर सकते है अर्थात इसमें एक बार ही कुछ नया प्रोग्राम डाल सकते है |
इसके बाद इसे हम दोबारा अपडेट नहीं कर सकते इसमें डाटा write करने के लिए विशेष डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है जिसे हम prom बर्नर कहते है और डाटा write करने की प्रकिया को prom बर्निंग कहा जाता है |
इस मेमोरी में छोटे छोटे फ्यूज बने होते है जिनमे प्रोग्रामिंग करकर कुछ instructions डाले जाते है एक बार instruction डालने के बाद इसको फिर मिटाया नहीं जा सकता |
EPROM किया है – What is EPROM in hindi
EPROM का full form ‘Erasable and Programmable Read Only Memory’ होता है इस प्रकार की मेमोरी में हम डाटा को मिटा कर दोबारा प्रोग्राम कर सकते है इसमें स्टोर डाटा को मिटाने के लिए अल्ट्रा वायलेट लाइट का इस्तेमाल किया जाता है |
और डाटा को हटाने के लिए 30 से 40 मिनट तक अल्ट्रा वायलेट लाइट से गुजारना पड़ता है तब जाकर ये मेमोरी खाली होती है इसमें डाटा को मिटाने के लिए eprom eraser का भी इस्तेमाल किया जाता है |
EEPROM किया है – What is EEPROM in hindi
EEPROM का full form ‘Electricity Erasable and Programmable Read Only Memory होता है
इसमें स्टोर डाटा को हम 10 से 15 हजार बार erase कर प्रोग्राम कर सकते है इसको erase करने में मात्र 6 से 10 मिलिसेकंड का समय लगता है |
और इस मेमोरी की खास बात ये है की इसको पूरा खाली करने की जरूरत नहीं पड़ती है हम इसमें किसी एरिया को सेलेक्ट कर उसे erase करकर दोबारा प्रोग्राम कर सकते है और ये थोड़ी सी धीमी होती है |
ROM की विशेषताएँ – Characteristics of ROM in hindi
- ROM एक स्थायी(नॉन volatile) मेमोरी होती है जिसमे पॉवर off हो जाने के बाद भी डाटा स्टोर रहता है |
- ROM मेमोरी कंप्यूटर के CPU का भाग होती है
- ROM readable होती है इसको केवल रीड किया जा सकता है
- ROM कम पॉवर का इस्तेमाल करती है और ये एक भरोसेमंद मेमोरी होती है इसमें स्टोर डाटा सुरक्षित रहता है |
- ROM में बेसिक functionality के निर्देश स्टोर रहते है
- ROM , RAM मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है
ROM कैसे काम करती है
जब हम अपने कंप्यूटर को on करते है तो हमारे कंप्यूटर को ये नहीं पता होता है की उसके साथ CPU , Mouse , Keyboard , Disk drive etc. हार्डवेयर attach है इन सभी को BIOS(Basic Input Output System) कहा जाता है |
और यहाँ ROM का काम BIOS कंप्यूटर को ऑपरेटिंग सिस्टम से कनेक्ट करना जो हमारे कंप्यूटर को on करने में मदद करता है ROM motherboard और CPU से जुडी होती है जो बूटिंग प्रोसस और सिस्टम को on करने में मदद करती है |
ROM के फायदे – Benefits of ROM in hindi
चलिए अब जानते है की ROM के किया किया फायदे है
- ROM एक स्थायी मेमोरी है यानि कि ये डाटा को परमानेंट स्टोर करती है पॉवर सप्लाई off हो जाने पर भी इसमें स्टोर डाटा erase नहीं होता है |
- इसको बार बार रिफ्रेश करने की जरूरत नहीं पड़ती है
- ROM , RAM मेमोरी से सस्ती होती है
- इसका डाटा अपने आप नहीं बदलता है बदलने पर ही इसका डाटा बदलता है |
- इसमें डाटा को बहुत सोच समझकर डाला जाता है क्योंकि हम इसे बार बार नहीं बदल सकते |
- ये एक readable मेमोरी है जिसे हम सिर्फ रीड कर सकते है
- ये मेमोरी RAM से ज्यादा भरोसेमंद होती है क्योंकि RAM में डाटा तब तक ही रहता है जब तक पॉवर सप्लाई रहती है पॉवर सप्लाई बंद हो जाने पर इसका सारा डाटा मिट जाता है |
RAM और ROM में किया अंतर है
RAM और ROM दोनों का इस्तेमाल हमारे कंप्यूटर में किया जाता है अब हम इन दोनों के बीच के अंतर को जानेंगे चलिए जानते है
- RAM मेमोरी का डाटा अस्थायी होता है जबकि ROM मेमोरी में मोजूद डाटा स्थायी होता है |
- RAM किसी mobile या कंप्यूटर की स्पीड के लिए जरूरी होती है वहीँ ROM का इस्तेमाल किसी डिवाइस के स्टोरेज के रूप में होता है |
- ROM में हम डाटा बिना पॉवर सप्लाई के भी स्टोर कर सकते है जबकि RAM में ऐसा नहीं है |
- RAM मेमोरी ROM की तुलना में ज्यादा तेज होती है जबकि ROM मेमोरी सुस्त होती है |
- ROM में डाटा स्टोर करने की प्रक्रिया काफी लम्बी होती है जबकि RAM में ये प्रोसस काफी तेजी से होती है |
- RAM का इस्तेमाल टेम्पररी स्टोरेज के लिए होता है जबकि ROM का इस्तेमाल परमानेंट स्टोरेज के लिए होता है |
- RAM एक read and write मेमोरी होती है जबकि ROM ओनली readable मेमोरी होती है
- RAM मेमोरी मंहगी होती है जबकि ROM मेमोरी सस्ती होती है |
Conclusion : ROM किया है ROM की सम्पूर्ण जानकारी in hindi
मैंने आपको इस आर्टिकल में बिलकुल बैसिक से डिटेल में समझाने की कोशिश की है में उम्मीद करता हूँ की आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा फिर भी आपको इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई सवाल पूछना है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर पूँछ सकते है |
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